Zomato boy story
ये सच है कि हमारे देश में महिलाओं की हालत इतनी अच्छी नहीं है जितनी की होनी चाहिए...हर दिन महिलाएं कहीं ना कहीं अपने हक के लिए लड़ रही हैं...
अब आप कहोगे कि बिना महिला दिवस के मैं महिलाओं पर ज्ञान क्यों दे रही हूं...
तो हुआ यूं है कि कई दिनों से एक दीदी और एक डिलिवरी बॉय की कहानी सोशल मीडिया पर छाई हुई है..
अब मैं खुद की बात करती हूं...सुबह-सुबह फोन उठाया तो एक फेसबुक पर एक वीडियो दिखा...जिसमें एक दीदी फर्राटे की अंग्रेजी में बोल रही थी...अब भाई हमारी अंग्रेजी बिल्कुल निल बटे सन्नाटा तो हमें थोड़ा समय लगा कि ये क्या मामला है...ध्यान से सुना और देखा तो समझ में आया कि कोई बंदा दीदी की नाक तोड़कर भाग गया है...
बड़ा डर लगा कि भाई अब तो बचकर रहना पड़ेगा क्योंकि कुछ भी हो सकता है...क्योंकि मैं ऐसा झेल चुकी हूं तो मैं पहले से ही सतर्क रहती हूं...
दीदी का नाम है हितेशा चंद्राणी...और Zomato डिलीवरी बॉय का नाम कामराज है.. मामला बेंगलुरू का है...
दीदी की नाक का टूटी तो उन्होंने वीडियो बनाई और सबको सतर्क किया...zomato ने दीदी की नाक का पूरा खर्चा उठाया और कामराज को नौकरी से तो निकाला ही साथ में उसपर केस भी चला...
अब ये मामला एक तरफ का था...
दूसरा पहलू ये है कि Zomato डिलीवरी बॉय ने बताया कि दीदी को फ्री का खाना चाहिए था जो कि उनको मिल नहीं रहा था...दीदी की अंगूठी से दीदी की नाक टूटी और दीदी ने कामराज को चप्पल से मारा भी...
मतलब की दीदी निकली झूठी...
अब इससे हुआ ये कि अगर दीदी झूठी निकली तो भी हमारी लगनी है और सही निकली तो भी...
क्योंकि भाई दीदी झूठी निकली तो हमारी सच्ची बातों को भी लोग कहेंगे की झूठ बोल रही है वुमेन कार्ड खेल रही है...
और सच्ची निकली तो...भाई अब ऑर्डर करके खाना मंगाने में डर लगेगा साथ ही खाना देर से आया या आधा आया तो भी कुछ ना बोलना वरना नाक या मुंह तोड़ दिया जाएगा...
तो इस बात का पता तो सिर्फ पुलिस जांच में ही पता चल सकता है कि झूठ कौन बल रहा है...तबतक हमारी सहनभूति दोनों से होनी चाहिए क्योंकि अगर लड़का हो या लड़की किसी के ऊपर भी हमला होता है वो गलत है...और अगर किसी को कोई झूठे केस में फंसाता है वो भी वुमेन कार्ड खेलकर तो वो भी गलत है।
बाकि खाना मंगाते रहो और खाते रहो...और हां भाई फ्री का खाना छोड़ दो..हजम होगा नहीं खामखा वॉशरूम के चक्कर काटते रहोगे।
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